तरक्की

तरक्की

आगे बढना हैं और तरक्की भी चाहोगे ?तो परिस्थिती बदलने की राह क्यो देख रहा रे पागल ?मुसीबत आ भी गयी तो क्या होगा,समस्या तो आती ही हैं कुछ सिखाने के लिये,तू चाहे नया हो या पुराना इस खेल में,चाहे तू गरीब हो या अमीर,समस्या और कुदरत तो एक ही हैं ना मेरे भाई,बस नजरीया बदल दो, हल भी वैसे मिलेंगे..माहोल बदलने से तुझे छुटकारा ना मिलेगा,अगर चाहता हैं उचित परिणाम,तो खुदको बदल दे, बेहतर बना खुदको इतना,की चाहे कुछ भी सामने आ जाये,पर साला तुझे कोई झुका ना सके..बस आगे बढते रहो, तरक्की अपने आप चली आयेगी !

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